गुरुवार, 20 अगस्त 2015

छत्तीसगढ़ के महिमा

       ।।छत्तीसगढ़ महिमा।।

जय जय हे छत्तीसगढ़ महतारी।
         तोर महिमा जग मा बड़ भारी।।
ऋषि मुनि अऊ तपसी के डेरा।
         सबो जीव जंतु के तैंहा बसेरा।।
हरियर हावय मा तोर कोरा।
           रूप तोर मोहय चंद्र चकोरा।।
तीरथ तंही, तंही चारो धाम।
         पांव रखे जिंहा मोर प्रभु राम।।
बड़ निक लागे धनहा डोली।
         हवे सुग्घर तोर गुरतुर बोली।।
धान पान के तैंहा उपजईया।
         सबो प्राणी के प्रान बचईया।।
बड़े बिहना कोयली गुन गाये।
        चिरई चिरगुन महिमा बताये।।
नाचय रूखवा झुमरय खेती।
       भारत मां के तैं दूलौरिन बेटी।।
नरवा, डोंगरी मन ला भाये।
       परबत मुकुट शोभा बढ़हाये।।
तोर चरण मा माथ नवांवय।
     तोर'दुलरवा',गुन तोर गांवय।।
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रचना@श्रवण साहू
गांव-बरगा जि. बेमेतरा (छ.ग.)
मोबा. - +918085104647

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