सोमवार, 27 जुलाई 2015

डॉ.ए.पी.जे.अब्दुल कलाम जी को श्रद्धांजलि


लग रही है उजड़ी सी ये बस्ती,
न जाने कैसे अंधेरा छा गया,
गजब हो गया है भुमि भारत में,
घटी घटना है  दुखद् सा नया।

हर मन में  निवास आपका,
भारत के भविष्य निर्माता,
पूजते थे, पूजते भी रहेंगे,
दुश्मन भी है गुण  गाता।

मानता है आदर्श आपको,
हर बालक हो या बाला,
चलेंगे दिखाये मार्ग पर आपके,
यही श्रद्धा सुमन की माला।

अश्रुपूरित श्रद्धांजलि आपको,
अलौकिक पुरुष डॉ. कलाम,
मिसाइल मेन,वैज्ञानिक देव,
है सारी दुनिया का सलाम।
               
                 ✏श्रवण साहू,
            गांव- बरगा, थानखम्हरिया

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