बुधवार, 29 जुलाई 2015

गुरु पूर्णिमा

लगाऊं ध्यान मै गुरु मुर्ति में
गुरु मूर्ति,ध्यान का आधार हैं।
करुं पूजा मैं गुरु चरणों की,
गुरु चरण,पूजा का आधार हैं।
लगन लगाऊं मै गुरू वाणी में,
गुरु वाणी,मन्त्र का आधार हैं।
अगम महिमा है सत् गुरू के,
गुरु कृपा,मोक्ष का आधार हैं।
गुण न कोई गा सकता कोई,
गुरु अनन्त अगम अपार हैं।
मार्गदर्शन कराते चेतना लाते,
दिखाते सदा आनंद का द्वार हैं।
दिव्य ज्योति जलाते मन में,
प्रभु का कराते गुरु साकार हैं।
नश्वर जगत मे एक हैं शाश्वत,
गुरू चरणों में कोटि आभार हैं।
                 ✏श्रवण साहू
           गांव-बरगा थानखम्हरिया

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