रविवार, 12 जुलाई 2015

सावन के महिना

रिमझिम बरसत पानी सावन मा,
चलव मया के गीत गाबो!
सबो तिहार ला धरके आगे,
जूरमिल के तिहार मनाबो!!
खाँद मा बोहे काँवर ला,
बम-बम भोला के भजन गाबो!
मन मा बिसवास,रेंगत दऊड़त,
चलव बाबा नगरिया जाबो
लगते सावन मा हरेली तिहार,
अपन देवी देवता ला मनाबो!
नांगर हसिया टंगिया सजाके,
सुघ्घर गुड़हा चिला खाबो!!
नदिया के तीर पीपर खाल्हे,
झुलना ला फंदाबो!
आेसरी पारी झुलबो झुलाबो,
संग मा ददरिया गाबो!!
रूचुक रूचुक गेड़ी मा चढ़के,
गली खोर ला जनाबो!
अंगना दूवारी परछी डेरौठी
सरी घर ला हमन मताबो!!
नाग पंचमी के दिन सब मिल,
बगीच्चा पार जाबो!
नाग देव के पूजा करके,
भिंभोरा मा दुध चढ़ाबो!!
स्वतंत्रता दिवस के पावन परब,
जम्मो शहीद के सुध लमाबो!
तिरंगा फहराके माथ नवाबो,
भाषन, गीत कविता गाबो!!
भाई-बहिनी के पबरित तिहार,
राखी बहिनी ले बँधवाबो!
हँसी ठिठोली करबो संग मा,
मिठई घलो जमके खाबो!!
अईसन हावय सावन महिना,
जूरमिल सवनाही मनाबो!
भेदभाव ला छोड़के संगी,
संग रहे के किरिया खाबो!!

              ✏श्रवण साहू
          गांव-बरगा थानखम्हरिया

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