बड़ दिन के बाद मा मोर मितान हा हमर घर अईस गा ता आजकल के मितान ताय गा कहिथे कांही इंतजाम नि करे हस का मितान कहिस गा.... ताहन ले मेहा माथा ला धरलेंव गा अऊ कहेंव..
दुनिया के महँगई ला कइसे हम झेलबो गा मितान..
गरीबी के हाल मा ये दिन ला कईसे पेलबो गा मितान!
सपना होगे हे दार भात हा चटनी मा दिन पहावत हन मितान...
पानी अऊ पसिया भर ला पिके मन ला मढ़ावत हन मितान!
अब तो जिनगी हा पहार होगे कईसे जिनगी ला पहाबो गा मितान..
जिना हा दूसवार होगे कईसे लईका ला बने पढ़ाबो गा मितान!
काबर हमि मन पेरावत हन महँगई के चक्की मा मितान..
अइसन दिन मा घलो कतको ला पहुँचा जहूँ भट्ठी मा मितान!
तोर बर कंहू आज बिसा लेहूँ दारू अऊ कूकरा.
ताहन तीन दिन रहि मोर लईका हा भूखा अऊ उघरा!
तोर गोड़ ला धोके मै करत हौव अर्जी गा मितान..
माफ करबे मोला, नई पूरा कर सकेंव तोर मर्जी गा मितान!
श्रवण छत्तीसगढ़िया
ग्राम-बरगा, थानखम्हरिया(छ. ग. )
मोबा. +918085104647
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